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राहुल गांधी सत्य के साथ खड़े हैं और डॉक्टर रमन सिंह झूठ के साथ : धनंजय सिंह ठाकुर

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह धर्म संसद में किसके बुलावे में गए थे? abernews रायपुर। भाजपा के राष्ट्रीय उप...


भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह धर्म संसद में किसके बुलावे में गए थे?

abernews रायपुर। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के बयान पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और भाजपा से हिन्दू होने का प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है पहले खुद ही डॉक्टर रमन सिंह तय कर ले कि वह गांधीवादी विचारधारा को मानते हैं कि गोडसेवादी है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी जी गांधीवादी हैं सत्य के साथ खड़े हैं और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और भाजपा मुंह में राम बगल में नाथूराम की नीति पर चलती है। 15 साल मुख्यमंत्री रहने के बाद डॉ रमन सिंह की हालात यह है कि अपने ही 15 साल के कार्यकाल का बखान करने से डर रहे हैं और एक बार फिर आरएसएस के शिक्षा और दीक्षा के अनुसार धर्म से धर्म को लड़ा कर सामाजिक समरसता सौहार्द्र को बिगाड़ कर छत्तीसगढ़ की शांत धरा को अशान्त कर राजनीति रोटी सेकना चाहते है।


प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को बताना चाहिए कि धर्म संसद के आयोजन में किस के बुलावे और शोभायात्रा में शामिल हुए थे? धर्म संसद के आयोजन के पहले पुजारी पार्क में भाजपा नेताओं ने आम लोगों को आमंत्रित किया और बैठक की। इससे समझ में आता है कि धर्म संसद के आयोजन में आरएसएस भाजपा की महती भूमिका है। धर्म संसद के मंच से कालीचरण ने आरएसएस भाजपा के मंसूबों को ही प्रदर्शित किया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विरुद्ध अभद्र अमर्यादित आपत्तिजनक टिप्पणी किया। देश के पहले आतंकवादी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे की जयकारा लगाई। जिसका पूरा छत्तीसगढ़ के साथ देशभर में निंदा हुई। तब भाजपा नेता धर्म संसद के आयोजन से पल्ला झाड़ रहे। आरएसएस और भाजपा के खिलाफ लोगों के गुस्से को देखते हुए भाजपा के नेता अब किनारा कर रहे हैं। यह पहला अवसर नहीं है। महाराष्ट्र में भी कालीचरण के ऊपर इसी हरकतों के चलते एफआईआर दर्ज हुई है। इसके पहले भी देश में कई स्थानों पर हुई धर्म संसद के आयोजन में भी कुछ लोगों के द्वारा सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने वैमनस्यता का जहर की फैलाने की कोशिश की गई। हरिद्वार में हुई धर्म संसद को लेकर ही देश भर में आक्रोश है। भारत की गंगा जमुनी तहजीब को खंडित करने का षड्यंत्र रचा गया है। ढोंगी कालीचरण के  पहले भी भाजपा के सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर साक्षी महाराज सहित अन्य नेताओं ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति आपत्तिजनक एवं अमर्यादित भाषा का उपयोग किया जिसकी निंदा पूरे देश में हुई। भाजपा शासित मध्यप्रदेश में गांधी के हत्यारे की मंदिर बनाकर महिमामंडित करने का षड्यंत्र किया गया जिसका विरोध होने के बाद कार्यवाही की गई। इससे समझ में आता है कि भाजपा कालीचरण के अपराधिक कृतियों को अप्रत्यक्ष तौर संरक्षण दे रही है। कालीचरण आरएसएस भाजपा के पोषित है। कालीचरण जैसे लोग ही आरएसएस और भाजपा के प्रियवर है। कालीचरण के गिरफ्तारी के बाद भाजपा नेताओं की बौखलाहट बता रही है दाल में कुछ काला नहीं बल्कि पूरी दाल काली है। अब कालीचरण पुलिस के सामने सच्चाई बताएंगे तब धर्म संसद की आड़ में भाजपा नेताओं के द्वारा वैमनस्यता फैलाने को षडयंत्र का पर्दाफाश होगा।



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