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बूढ़े हो रहे सूर्य का कब और कैसे खत्म होगा प्रकाश

नई दिल्ली। अंतरिक्ष में कई ऐसी रहस्यमयी चीजें हैं जिनके बारे में वैज्ञानिक जानने की कोशिश कर रहे हैं। अब इस बीच वैज्ञानिकों के हाथ एक ऐसी तस...


नई दिल्ली। अंतरिक्ष में कई ऐसी रहस्यमयी चीजें हैं जिनके बारे में वैज्ञानिक जानने की कोशिश कर रहे हैं। अब इस बीच वैज्ञानिकों के हाथ एक ऐसी तस्वीर लगी है जिससे उन्हें सूर्य को लेकर नई जानकारियां मिली हैं। इस तस्वीर को वॉशिंगटन नासा के हबल टेलीस्कोप ने ली है। आखिर सूर्य की मौत कैसे होगी इसका अनुमान इस तस्वीर से लग सकता है। सूर्य का अंत कैसे होगा? यह एक महत्तवपूर्ण प्रश्न है जिसके बारे में वैज्ञानिक लगातार रिसर्च कर रहे हैं। यह सभी को पता है कि सूर्य आखिरी में एक व्हाइट ड्वार्फ में बदल जाएगा।  इसका मतलब यह है कि एक जल चुके तारे का अवशेष जिसका प्रकाश मंद होते होते अंधकार में तब्दील हो जाएगा। सूर्य 4.5 अरब साल पहले बना था। यह हाइड्रोजन और हीलियम गैसों की एक गर्म गेंद है। सूर्य ने अपने जीवनकाल की आधी उम्र पूरी कर ली है। सूर्य का व्यास करीब 864,000 मील और इसकी सतह का तापमान करीब 10,000 डिग्री फारेनहाइट है। आईए जानते हैं आखिर सूर्य की मौत कैसे होगी?  सूर्य की तरह ही एनजीसी 2438 प्लैनेटरी नेब्युला एक तारा है। यह पृथ्वी से करीब 1,370 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है। प्लैनेटरी नेब्युला एक विशाल गैस का बादल है। यह सूर्य जैसे समाप्त होने वाले तारों से निकलता है। रिपोर्ट्स  में बताया गया है कि सूर्य का हाइड्रोजन उसके जीवनकाल के आखिरी समय में समाप्त हो जाएगा। इसकी वजह से सूर्य अस्थिर हो जाएगा और सफेद गोले के रूप में खत्म हो जाएगा। वॉशिंगटन नासा के हबल टेलीस्कोप द्वारा ली गई तस्वीर में कई रंग नजर आए हैं जो सनस्पॉट और अन्य घटनाओं की वजह से सूर्य की चमक अन्य तारों की तुलना में बहुत कम सक्रिय मालूम पड़ती है। इस फोटो में नीले रंग का मतलब ऑक्सीजन है, हरे का हाइड्रोजन, नारंगी का नाइट्रोजन और लाल रंग का मतलब सल्फर है। नासा ने हबल स्पेस टेलीस्कोप को साल 1990 में लॉन्च किया था। इसको पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजा गया था। अक्सर हबल टेलीस्कोप द्वारा ली गई स्पेस की अद्भुत तस्वीरें सामने आती रहती हैं। इन तस्वीरों को नासा के आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर देखा जा सकता है।

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