भिलाई-छत्तीसगढ़ के भिलाई स्टील प्लांट की टाउनशिप में गंदे और मटमैले पानी की समस्या को दूर करने के लिए अब नई एजेंसी आयन एक्सचेंज महाराष्ट्र ...
भिलाई-छत्तीसगढ़ के भिलाई स्टील प्लांट की टाउनशिप में गंदे और मटमैले पानी की समस्या को दूर करने के लिए अब नई एजेंसी आयन एक्सचेंज महाराष्ट्र को जिम्मेदारी दी गई है। नयी एजेंसी ने काम करना भी शुरू कर दिया है। एजेंसी दावा कर रही है कि शुद्धीकरण प्रक्रिया को हाईटेक करेगी। जिससे टाउनशिप में जल्दी ही साफ पानी की सप्लाई शुरू हो जाएगा। बीएसपी के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में केमिकल के लगातार फ्लो के लिए पंप और मोटर लग चुकी है। टाउनशिप में 4 महीने से अधिक समय से मटमैले पानी सप्लाई की समस्या बनी हुई है। टाउनशिप में लगातार स्थानीय लोग व जनप्रतिनिधियों के हंगामा मचाने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया था। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने बीएसपी प्रबंधन से कहा था कि वर्तमान एजेंसी नाल्को शुद्ध जल सप्लाई करने में सक्षम नहीं है तो दूसरी एजेंसी से काम कराएं। लगातार दबाव के बाद अब शुद्धीकरण प्रक्रिया के लिए नई एजेंसी आयन एक्सचेंज को काम दिया है। नई एजेंसी का दावा है कि साफ पानी तीन दिन में मिलना शुरू हो जाएगा। एजेंसी तीन प्रकार के केमिकल का उपयोग पानी शुद्धिकरण के लिए करेगी। इसके लिए एक महीने का केमिकल कंटेनर का पूरा स्टाक भी आ चुका है। बांध से आने वाले पानी को हाईटेक तरीके से केमिकल के जरिए साफ किया जाएगा। यह तीन स्तर पर प्रोसेस होगा और हर स्तर पर पानी की अशुद्धियां खत्म होते जाएंगी। फिल्टर प्लांट के तीन हिस्सों से गुजर कर अन्तत: पानी सप्लाई के लिए जाएगा। यह पानी हानिकारक तत्वों से फ्री होगा।
निगम प्रशासन कर रहा निगरानी
नगर निगम भिलाई के कमिश्नर ऋतुराज रघुवंशी ने बताया कि इरढ के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया है। इसके अलावा इरढ क्षेत्र के घरों से पानी का सैंपल कलेक्शन भी करवाया गया। पानी के सैंपल का परीक्षण निगम के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में किया जाएगा। पीएच, टबीर्डीटी और कलर सहित अन्य की जांच की कराई जाएगी।
भिलाई में बड़ी आबादी को मिल रहा मटमैला पानी
टाउनशिप में करीब डेढ़ लाख से ज्यादा आबादी इस एरिया में रहती है। 33 हजार से ज्यादा मकान हैं, जहां गंदे पानी की सप्लाई हो रही है। जिसमें से 4 हजार लाइसेंसी मकान टाउनशिप में है। 3 हजार के आसपास थर्ड पार्टी वाले लोग रहते हैं। बीएसपी द्वारा केवल आश्वासन ही दिया जाता रहा और रहवासी हलकान होते रहे।
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