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जानिए गुप्त नवरात्री ने जुड़ी ये कुछ खास बातें


aber news अबेर न्यूज। जैसे के आप सब जानते ही है 12 को गुप्त नवरात्री आ रही है।  इस नवरात्री में नौ दिनों का व्रत रखा जाता है और अपनी मनोकामनाएं पूरी की प्राथना की जाती है। माना जाता है के आषाढ़ और पौष-माघ माह की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहते हैं। गुप्त नवरात्री में नौ दिन व्रत रख कर माता भगवती को प्रसन्न किया जाता है।  गुप्त नवरात्र में मां दुर्गा की दस महाविद्याओं की पूजा और साधना की जाती है। इनमें मां कालिके, मां तारा देवी, मां त्रिपुर सुंदरी, मां भुवनेश्वरी देवी, माता चित्रमस्ता, मां त्रिपुर भैरवी, माता बग्लामुखी, मां कलमा देवी, मां धूम्रवती और मां मांतगी हैं। आज हम आपको गुप्त नवरात्री से जुड़ी कुछ खास बाते बताने जा रहे है। तो आइए जानते है :-

1. चैत्र और अश्विन माह की नवरात्रि सर्व साधारण व्यक्तियों के लिए होती है जिसमें सात्विक या दक्षिणमार्गी साधना की जाती है।

2. माघ और आषाढ माह की गुप्त नवरात्रि में तंत्र अर्थात वाममार्गी साधना की जाती है।

3. गुप्त नवरात्रि साधना और तंत्र साधना के लिए महत्वपूर्ण होती है इसीलिए इस नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा और साधना का महत्व है।

साधना का काल :

1. देवी भागवत के अनुसार जिस तरह वर्ष में चार बार नवरात्र आते हैं और जिस प्रकार नवरात्रि में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है, ठीक उसी प्रकार गुप्त नवरात्र में दस महाविद्याओं की साधना की जाती है।

2. गुप्त नवरात्रि विशेषकर तांत्रिक क्रियाएं, शक्ति साधना, महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्त्व रखती है।

3. इस दौरान देवी भगवती के साधक बेहद कड़े नियम के साथ व्रत और साधना करते हैं।

4. इस दौरान लोग लंबी साधना कर दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति करने का प्रयास करते हैं।

5. वैसे तो इन नवरात्रि में भी उन्हीं नौ माताओं की पूजा और आराधना होती है लेकिन यदि कोई अघोर साधान करना चाहे तो दस महाविद्या में से किसी एक की साधना करता है जो गुप्त नावरात्रि में सफल होती है।

6. गुप्त नवरात्र के दौरान कई साधक महाविद्या (तंत्र साधना) के लिए मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा करते हैं।

7. भगवान विष्णु शयन काल की अवधि के बीच होते हैं तब देव शक्तियां कमजोर होने लगती हैं।

8. उस समय पृथ्वी पर रुद्र, वरुण, यम आदि का प्रकोप बढ़ने लगता है इन विपत्तियों से बचाव के लिए गुप्त नवरात्र में मां दुर्गा की उपासना की जाती है।

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