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राजकीय सम्मान के साथ वीर शहीद रमाशंकर पंचतत्व में विलीन

अम्बिकापुर। नक्सलियों से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हुए जिले के  लखनपुर के ग्राम अमदला निवासी शहीद श्री रमाशंकर पैकरा कद्म उनके गृह ग्र...



अम्बिकापुर। नक्सलियों से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हुए जिले के  लखनपुर के ग्राम अमदला निवासी शहीद श्री रमाशंकर पैकरा कद्म उनके गृह ग्राम में पूरे राजकीय सम्मान के साथ जनप्रतिनिधियों तथा जिले के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया। शहीद रमाशंकर पैंकरा की चिता को मुखाग्नि उनके छोटे भाई श्री जयसिंह ने दी। केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री रेणुका सिंह, लुण्ड्रा विधायक डॉ. प्रीतम राम, जिला पंचायत अध्यक्ष मधु सिंह, पुलिस महानिरीक्षक  आरपी साय, कलेक्टर  संजीव कुमार झा, पुलिस अधीक्षक  टीआर कोशिमा ने शहीद जवान श्री रमाशंकर पैंकरा के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर सलामी दी।
एयर फोर्स के हेलीकॉप्टर से आई पार्थिव देह

 


शहीद रमाशंकर पैंकरा का पार्थिव देह को वायुसेना के हेलीकॉप्टर द्वारा अपराह्न  करीब 3:30 बजे मां महामाया एयरपोर्ट लाया गया। यहां से पार्थिव देह एम्बुलेंस के द्वारा गृहग्राम अमदला पहुंची। पार्थिव देह का अंतिम संस्कार हेतु यहां पुलिस एवं जिला प्रशासन द्वारा पूरी तैयारी कर ली गई थी।
अमदला के लाल अमर रहे से गुंजायमान हुआ गमगीन माहौल
 वीर शहीद रमाशंकर पैंकरा की पार्थिव देह पहुंचने पर परिवार के साथ पूरा गांव गमजदा होकर अंतिम दर्शन करने उमड़ पड़ा। अंतिम दर्शन से लेकर अंतिम संस्कार तक के गमगीन माहौल में अमदला के लाल अमर रहे, वंदे-मातरम, जब तक सूरज चांद रहेगा रमाशंकर तेरा नाम रहेगा के नारे गुंजायमान होते रहे।
उल्लेखनीय है कि सरगुजा के वीर शहीद श्री रमाशंकर पैंकरा बीजापुर एवं सुकमा के सरहदी  थाना तर्रेम क्षेत्र के ग्राम जोनागुड़ा, टेकलगुडम और जीरागांव के आस-पास में 3 अप्रैल 2021 को पुलिस और नक्सली के बीच मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। वर्ष 2009 में छत्तीसगढ़ शस्त्र बल में भर्ती होने के बाद वर्ष 2014 में एसटीएफ में शामिल होने वाले शहीद रमाशंकर पैंकरा श्री बुधराम पैंकरा के द्वितीय संतान थे। परिवार में उनकी पत्नी श्रीमती कस्तूरी पैंकरा, पिता श्री बुधराम पैंकरा और माता  हैं।

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