Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE
Wednesday, May 21

Pages

Classic Header

Top Ad

ब्रेकिंग :

Breaking News

- Advertisement - Ads " alt="" />" alt="" />

सरगुजा के जंगल में हाथी की हत्या

aber अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा में होली के दिन एक हाथी के बच्चे का सड़ी-गली हालत में शव मिला है। शव पर घाव के निशान हैं और उसके दोनों दां...


aber अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा में होली के दिन एक हाथी के बच्चे का सड़ी-गली हालत में शव मिला है। शव पर घाव के निशान हैं और उसके दोनों दांत भी गायब थे। ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि उसके दांत काटकर ले जाए गए हैं। ऐसे में हाथी के बच्चे की हत्या करने की आशंका है। वहीं सूचना मिलने के दो दिन बाद पहुंची वन विभाग की टीम ने पोस्टमार्टम के बाद शव को दफना दिया है। हालांकि उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है।

जानकारी के मुताबिक, मैनपाट के लालिया गांव से लगे धरमजयगढ़ वन मंडल में सोमवार को चरवाहे जंगल में मवेशी चराने गए थे। वन क्षेत्र के पहाड़ी के किनारे खाई के पास तेज बदबू आने पर वहां पहुंचे तो देखा कि हाथी के बच्चे का शव पड़ा हुआ है। इस पर उन्होंने इसकी सूचना वन विभाग के मैदानी कर्मचारियों को दी। हालांकि होली की छुट्टी होने के कारण कोई भी मौके पर नहीं पहुंचा। अगले दिन डॉक्टरों की टीम को बुलाया गया।

वन विभाग के अफसर बोले- पहाड़ी से खाई में गिरा होगा
हाथी के बच्चे की उम्र करीब 4 साल बताई जा रही है। रेंजर फेकू राम चौबे ने हाथी के बच्चे के गिरकर मौत होने की आशंका जताई है। उनका कहना है कि हो सकता है कि पहाड़ी से हाथी का बच्चा खाई में गिर गया हो। इसके कारण चोट लगने से उसकी मौत हुई है। बताया जा रहा है कि गोसनी हाथी का दल पिछले तीन-चार माह से वहां विचरण कर रहा है। उसमें 9 हाथी शामिल हैं। वह मैनपाट और धरमजयगढ़ में ही विचरण करते हैं।

हाथी मित्र भी बनाए गए, पर कागजों पर दौड़ रही योजनाएं
राज्य सरकार हाथियों के संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग योजनाएं चला रही है। पहले से ही गजराज परियोजना चल रही है। इसके बाद लेमरू अभ्यारण्य बनाया जा रहा है। यहां हाथी का कॉरिडोर है। इसके लिए करीब 400 करोड़ रुपए भी सेंक्शन किए गए हैं। इसके साथ ही हाथियों की डेली बेसिस पर मॉनिटरिंग और गिनती के भी आदेश हैं। इसके लिए हाथी मित्र भी रखे गए हैं, लेकिन सारी योजनाएं कागजों में ही दम तोड़ती दिख रही हैं।

जून 2020 से रुकने का नाम नहीं ले रहा हाथियों की मौत का सिलसिला
छत्तीसगढ़ में जून 2020 से हाथियों की मौत का सिलिसला जारी है। पिछले साल 14 हाथियों की मौत हो चुकी है। इनमें से 3 हाथी सितंबर और 2 अक्टूबर माह में ही मारे गए हैं।

    26 अक्टूबर : कोरबा के कटघोरा में ही तालाब किनारे हाथी के बच्चे का शव मिला।
    17 अक्टूबर : कोरबा के कटघोरा वन परिक्षेत्र में तालाब में डूबने से हाथी के बच्चे की मौत हुई।
    28 सितंबर : गरियाबंद में बिजली विभाग की लापरवाही से तार की चपेट में आकर हाथी की मौत
    26 सितंबर : महासमुंद के पिथौरा में शिकारियों ने करंट लगाकर हाथी को मारा
    23 सितंबर : रायगढ़ में धरमजयगढ़ के मेंढरमार में करंट लगने से हाथी की मौत
    16 अगस्त : सूरजपुर में जहरीला पदार्थ खाने से नर हाथी की मौत
    24 जुलाई : जशपुर में करंट लगाकर नर हाथी को मारा गया
    9 जुलाई : कोरबा में 8 साल के नर हाथी की इलाज के दौरान मौत
    18 जून : रायगढ़ के धरमजयगढ़ में करंट से हाथी की मौत
    16 जून : रायगढ़ के धरमजयगढ़ में करंट से हाथी की मौत
    15 जून : धमतरी में माडमसिल्ली के जंगल में कीचड़ में फंसने से हाथी के बच्चे ने दम तोड़ा।
    11 जून : बलरामपुर के अतौरी में मादा हाथी की मौत हुई थी
    9 व 10 जून : सूरजपुर के प्रतापपुर में एक गर्भवती हथिनी सहित 2 मादा हाथियों की मौत हुई।

No comments

पेलमनाला जलाशय योजना के लिए 8.16 करोड़ रूपए स्वीकृत

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज सुशासन तिहार के अतंर्गत जशपुर ...

साउथ अफ्रीका के मरीज की हुई अम्बेडकर अस्पताल में सफल सर्जरी

बीएमओ निलंबित एवं अनुबंधित चिकित्सक कार्यमुक्त

राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस: मुख्यमंत्री श्री साय ने किया ...

जल संवर्धन की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा भू-जल संवर्धन...

शिक्षा का अधिकार अधिनियम शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण का आधार

हमारी सरकार की योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंच रहा: मुख्यमंत...

मुख्यमंत्री ने मुंगेली जिला ग्रंथालय में किया अतिरिक्त कक्ष ...

शत-प्रतिशत प्लेसमेंट की सफलता की नई मिसाल गढ़ता राज्य होटल प्...