इस्लामाबाद। पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू, सिख और ईसाई अल्पसंख्यकों पर धार्मिक अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। धर्म परिवर्तन के ल...
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू, सिख और ईसाई अल्पसंख्यकों पर धार्मिक अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। धर्म परिवर्तन के लिए बदनाम सूबे सिंध में पिछले 26 दिनों में तीन लड़कियों का कट्टरपंथियों ने अपहरण कर जबरन उन्हें इस्लाम कबूल करवाया है। बताया जा रहा है कि इनमें से दो लड़कियां तो नाबालिग हैं। पाकिस्तानी पीएम इमरान खान धर्म परिवर्तन की इन घटनाओं पर चुप्पी साधे हुए हैं। पुलिस भी पूरे मामले की लीपापोती कर रही है, क्योंकि अगवा की गई लड़कियां गरीब हिंदू तबके से आती हैं।
आरती मेघवार नाम की नाबालिक हिंदू लड़की को दाहरकी से अपहरण कर लिया गया था। वहीं, दूसरी नाबालिग लड़की कविता को काशमोर के तंगवानी से अगवा किया गया था। तीसरी लड़की रीना मेघवार का अपहरण 13 फरवरी को किया गया था और फिर दादू में एक अधेड़ से उसकी शादी करा दी गई थी। रीना मेघवार के चाचा हमीर ने बताया कि उन्होंने कई अधिकारियों से इस मामले में शिकायत की है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ है।
हमीरो ने बताया कि उन्हें लड़की से मिलने के लिए प्रेशर बनाया जा रहा है, ताकि उसी बहाने धार्मिक मौलवी मीडिया के सामने यह साबित कर सके कि वह लड़की अपनी मर्जी से आई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जो व्यक्ति लड़की का अपहरण करता है और जो मौलवी निकाह कराता है उन दोनों को इससे बहुत पैसे मिलते हैं। आरती मेघवार के परिवारवालों ने बताया कि उन्हें प्रशासन की तरफ से वादा किया गया है उनकी लड़की को वापस कर दिया जाएगा। लेकिन, इतने दिन बीतने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
पाकिस्तान में कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान हिंदू और ईसाई लड़कियों का जमकर धर्मांतरण हुआ है। पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकतार्ओं ने चिंता जताते हुए कहा है कि इस कारण अल्पसंख्यकों के मन में असुरक्षा की भावना भी तेजी से बढ़ी है। इमरान खान की सरकार में पुलिस के ढुलमुल रवैये और सख्त कानून न होने के कारण कट्टरपंथियों के हौसले और बुलंद हुए हैं। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने भी पाकिस्तान को धार्मिक आजादी के उल्लंघन को लेकर खास चिंता वाला देश घोषित किया हुआ है। हालांकि, अमेरिका के इस फैसले को पाकिस्तान ने खारिज किया है। पाकिस्तान में एक स्वतंत्र मानवाधिकार आयोग के अनुसार इन लड़कियों को आम तौर पर अगवा किया जाता है और फिर इनका निकाह करवाया जाता है। ऐसी लड़कियों में अधिकतर सिंध प्रांत से गरीब हिंदू लड़कियां होती हैं। अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में ही धर्म परिवर्तन के लिए बदनाम सिंध सूबे की राजधानी कराची में 13 साल की एक ईसाई लड़की आरजू राजा का 44 साल के एक अधेड़ ने अपहरण कर लिया था। जिसके बाद उसने जबरदस्ती लड़की का धर्म परिवर्तन करवाया और उससे निकाह रचाई। जिस शख्स से आरजू का निकाह हुआ है, उसके बच्चों की उम्र भी उससे दोगुनी है। आरजू का पति बाल विवाह और बलात्कार के आरोप में फिलहाल जेल में है, लेकिन वह डर से छिपी हुई है।
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