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प्रकृति की गोद में बसा जिले का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सरोधा दादर में छत्तीसगढी व्यंजनों का लुफ्त ले रहे पर्यटक

कवर्धा । जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सरोधा दादर (चिल्फी में) के पर्यटन केन्द्र में गायत्री महिला स्व. सहायता समूह के द्वारा छत्तीसगढ़ी व्यं...


कवर्धा । जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सरोधा दादर (चिल्फी में) के पर्यटन केन्द्र में गायत्री महिला स्व. सहायता समूह के द्वारा छत्तीसगढ़ी व्यंजनों को परोस कर पर्यटन के अनुभव को और जायकेदार बना रही हंै। छत्तीसगढ़ी पकवान चैसेला, खुर्मी-ठेठरी, चिला, मुगोड़ी, भजीया जैसे छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का स्वाद देश के अलग-अलग कोने से आए पर्यटकों को सरोधा दादर के रिसॉर्ट में मिल रहा है। मैकल पर्वत श्रेणी के सतपुड़ा रेन्ज के जंगल और पहाडिय़ों में बसा सरोधा दादर जिले का प्रसिद्ध पर्यटन केन्द्र है। जहां पर छत्तीसगढ़ से ही नहीं वरन देश के अलग-अलग कोने से पर्यटक आ कर रूकते है। इसका विशेष महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि सरोधा दादर राष्ट्रीय उद्यान कान्हा केसली के साथ भोरमदेव अभ्यारण के रेन्ज से लगा हुआ है। ऐसे स्थानों में हमेशा पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है। जिनके सुविधाओं के लिए शासन द्वारा अनेकों प्रयास भी निरंतर किए जा रहे है। इसी क्रम में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान अंतर्गत गायत्री महिला स्व. सहायता समूह के द्वारा छत्तीगढ़ व्यंजानों की सेवाएं पर्यटकों को दी जा रही है। इस काम से महिला स्व. सहायता समूह को बहुत ही बेहतर आमदनी होने लगा है। प्रति माह 12 से 15 हजार रूपए की आय इन्हें हो रही है।  
समूह की अध्यक्ष धर्मिन बाई ने बताया कि सरोधा दादर रिसोर्ट में छत्तीसगढ़ी व्यंजन की मांग बनी रहती है। पर्यटकों को उनके इच्छा अनुसार छत्तीसगढ़ी व्यंजन गरमा-गर्म परोसा जाता है, जिसमें विशेष रूप से चैसेला, चिला आदि रहता है। कभी-कभी पर्यटकों द्वारा छत्तीसगढ़ी भोजन की भी मांग की जाती है। ऐसे पर्यटकों को चना भाजी, लाल भाजी, दाल, चावल, आचार, पापड़ के साथ खाना भी हमारे समूह द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। उन्होंने बताया कि सप्ताह के तीन दिन शुक्रवार, शनिवार, एवं रविवार को पर्यटकों की ज्यादा भीड़ होती है एवं अन्य दिन भीड़ थोड़ी कम होती है। लेकिन समूह कि दस सदस्यी महिलाएं काम को आपस में बाट ली है। कोई रसोई का काम देखती है तो कोई सामग्रियों का लाना ले जाना करती है। प्रत्येक माह 12 से 15 हजार रूपए की आमदनी होता है ज्यादातर कमाई छुट्टियों के दिनों में होती है। हम सभी समूह की महिलाएं खुश है की हम अपना काम कर रहें है। हाथ में आपना व्यवसाय है और इससे अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए घर में पैसे आ रहें है। व्यवसाय खड़ा करने के लिए लगने वाले गैस चुल्हा, सिलेन्डर, कढ़ाई तवा जैसे अन्य आवश्यक सामग्री बिहान के तहत लोन लेकर पूरा किया है। अब इस लोन का ऋण भी समूह द्वारा चुकाया जा रहा है इस तरह हम महिलाएं होटल के व्यवसाय में आगे बढ़ रहीं है।
अब पर्यटन स्थल में लोगों को मिला रहा छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का स्वाद: सीईओ
जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विजय दयाराम के. ने बताया  कि आजीविका मिशन के तहत कबीरधाम जिले के विभिन्न स्थानो में महिलाओं द्वारा स्वल्पाहार केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है। सर्वप्रथम मॉडल गौठान बिरकोना में भोर कलेवा के नाम से स्वल्पाहार केन्द्र प्रारंभ किया गया था। इसके बाद जिला पंचायत परिसर, कलेक्ट्रेट परिसर, पोड़ी चौक, पण्डरिया  के बाद अब जि़ले के पर्यटन केंद्र सरोधा दादर में महिला समूह द्वारा स्वल्पाहार केंद्र से जुड़कर कार्य कर रहीं है। सभी स्वल्पाहार केन्द्रो में महिला समूह द्वारा छत्तीसगढ़ी व्यंजन परोसा जा रहा है और इससे महिला समूह की आजीविका संर्वधन का कार्य हो रहा है।

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