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अमित और रेणु जोगी पहुंचे अजीत जोगी की मूर्ति लगवाने, पुलिस ने रोका

रायपुर। रायपुर के बीरगांव इलाके में रविवार की दोपहर बेहद सियासी रही। जनता कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों ने यहां छत्तीसगढ़ महतारी और पूर्व स...


रायपुर। रायपुर के बीरगांव इलाके में रविवार की दोपहर बेहद सियासी रही। जनता कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों ने यहां छत्तीसगढ़ महतारी और पूर्व सीएम व पार्टी के संस्थापक अजीत जोगी की प्रतिमा लगाने का कार्यक्रम आयोजित किया था। प्रशासन की तरफ से प्रतिमा लगाने की जगह और अनुमति दोनों ही नहीं दी गई थी। बड़ी तादाद में पुलिसकर्मियों तैनाती की गई थी। पार्टी की तरफ से इसके बाद भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। गीत संगीत और लोक नृत्य का बंदोबस्त भी कार्यक्रम में था। लोगों को संबोधन के बाद अमित जोगी और रेणु जोगी पार्टी कार्यकतार्ओं के साथ कार्यक्रम स्थल के पास ही एक घर में रखी मूर्तियों को लाने के लिए आगे बढ़े। बीच रास्ते में ही पुलिस के आला अफसरों ने इनका रास्ता रोक दिया। कार्यकर्ता ये देख भड़क गए। पुलिस और जनता कांग्रेस पार्टी के नेताओं के बीच तीखी बहस भी हुई। मगर पुलिसकर्मियों ने किसी भी सूरत में मूर्ति को स्थापति करने नहीं दिया। कुछ कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर बसों के जरिए कार्यक्रम स्थल से ले जाया गया। हालांकि कुछ घंटों बाद सभी को छोड़ दिया गया। पार्टी की तरफ से कहा गया है कि सरकार कितना भी जोर लगा ले प्रतिमा तो स्थापति होकर रहेगी। फिलहाल प्रतिमाएं पार्टी के स्थानीय नेता के घर पर हैं।
कौरवों ने भी नहीं दी थी जमीन, उनका क्या हाल हुआ मालूम है न
इससे पहले मंच से लोगों की भीड़ को संबोधित करते हुए अमित जोगी ने कहा कि हम सरकार ने 4 बाय 10 की साइज में जमीन मांग रहे हैं। मगर सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही। आपको महाभारत का किस्सा बता दूं, कौरवों ने भी पांडवों को 5 इंच भी जमीन देने से इंकार कर दिया था। याद है न उनका क्या हाल हुआ। अमित जोगी ने आगे कहा कि लोगों को डराने के लिए 600 पुलिस बल की तैनाती की गई है। लोगों को पिलाने के लिए पानी नहीं है, मगर जनता को डराने के लिए वॉटर कैनन लगाई गई है।
हम अनाथ नहीं हैं
अमित जोगी ने कहा कि मुख्यमंत्री सोचते हैं कि अजीत जोगी के निधन के बाद हम अनाथ हो गए। हमारे सिर से उनका हाथ हट गया। मेरे बाबूजी हमेशा कहते थे कि जिसके सिर पर गरीबों और छत्तीसगढ़ महतारी का हाथ होता है, वो कभी अनाथ नहीं होता। प्रतिमा बनवाने में हमने रुपए खर्च नहीं किए, बीरगांव के गरीब लोगों ने अपने मेहनत की कमाई से रुपए जुटाए और मूर्ति बनवाई। छत्तीसगढ़ महतारी और स्व अजीत जोगी की प्रतिमा लग जाएगी तो इनका क्या बिगड़ेगा, मगर ये लोग जोगी जी के नाम से ही डरते हैं।

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