भोपाल। मध् य प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. मध्य प्रदेश में अब जबरन धर्म परिवर्तन करवाने पर 10 साल की सजा हो...
भोपाल। मध्य प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. मध्य प्रदेश में अब जबरन धर्म परिवर्तन करवाने पर 10 साल की सजा हो सकती है. राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्र ने बताया कि यदि कोई भी व्यक्ति किसी भी नाबालिग, महिला अथवा अनुसूचित जाति या जनजाति का जबरन धर्म परिवर्तन करवाता है तो उसे 10 साल की सजा हो सकती है.
गृह मंत्री ने बताया कि जबरन धर्म कराने वाले व्यक्ति को कम से कम 50 हजार रुपए तक का जुमार्ना भी भरना पड़ सकता है. दरअसल, आज मध्य प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक का आयोजन किया था. इस बैठक में मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक 2020 को मंजूरी दी गई.
इस विधेयक के बाद राज्य के गृह मंत्री ने बताया कि राज्य में किसी भी तरह के जबरन धर्म परिवर्तन पर व्यक्ति को 1 से 5 साल तक की जेल तथा कम से कम 25,000 रुपये के जुमार्ना का प्रावधान किया गया है. इसके आगे उन्होंने बताया कि यदि जबरन धर्म परिवर्तन किसी खास वर्ग यानि नाबालिग, महिला तथा रउ/रळ के सदस्यों के मामले में होता है तो जुमार्ना तथा सजा दोगुनी हो जाएगी.
उन्होने कहा कि इसका मतलब यह है कि नाबालिग, किसी महिला या अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसी सदस्य का जबरन धर्म परिवर्तिन करवाने पर न्यूनतम सजा 2 से 10 साल तथा न्यूनतम जुमार्ना 50 हजार रुपये होगी।
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