रायपुर, 7 सितंबर 2025। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया कि उनकी राजनीति सिर्फ विकास तक सीमित न...
रायपुर, 7 सितंबर 2025। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया कि उनकी राजनीति सिर्फ विकास तक सीमित नहीं, बल्कि संस्कृति, परंपरा और सनातन मूल्यों में गहराई से रची-बसी है। शनिवार को चंद्रग्रहण से पूर्व मुख्यमंत्री निवास में आयोजित विशेष गौ-सेवा कार्यक्रम के दौरान उन्होंने गौमाता को रोटी और गुड़ अर्पित कर संपूर्ण प्रदेश की सुख-समृद्धि, शांति और कल्याण की मंगलकामना की।
गौमाता के चरणों में श्रद्धा और राष्ट्र का कल्याण
सुबह जैसे ही मुख्यमंत्री निवास परिसर में एक पवित्र और सात्विक वातावरण बना, श्री साय स्वयं आगे बढ़कर गौमाता को रोटी और गुड़ खिलाने पहुंचे। कोई औपचारिकता नहीं, कोई मंच नहीं – यह दृश्य एक जननेता के नहीं, बल्कि एक विनम्र श्रद्धालु के थे। गौमाता को नमन करते हुए उन्होंने कहा,
गौ-सेवा से आत्मा को सच्चा संतोष मिलता है। यह केवल एक धार्मिक कार्य नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति का मूल आधार है। इसमें मुझे ऊर्जा मिलती है, और इसी ऊर्जा से हम जनसेवा के मार्ग पर चलते हैं।
धार्मिक तिथियों के प्रति जागरूकता और लोककल्याण का संकल्प
गौरतलब है कि सनातन परंपरा में चंद्रग्रहण काल से पूर्व दान, जप, तप और गौ-सेवा को विशेष पुण्यदायी माना गया है। मुख्यमंत्री साय न केवल इसका पालन करते हैं, बल्कि जनता को भी इसकी प्रेरणा देते हैं। उन्होंने कहा कि
गौमाता का आशीर्वाद जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और संतुलन देता है। मैं चाहता हूँ कि हर घर में गौ-सेवा की भावना जागे, और हम एक समरस व समृद्ध समाज की ओर बढ़ें।
गौ-सेवा : भारतीय संस्कृति की आत्मा
छत्तीसगढ़ की धरती पर गौ-महिमा का विशेष महत्व है। यहां गौठानों की श्रृंखला, गोपालन योजनाएं, और प्राकृतिक कृषि की ओर बढ़ते कदम यह दर्शाते हैं कि राज्य सरकार की योजनाएं केवल नीति-निर्माण तक सीमित नहीं, बल्कि धरातल पर उतरी हुई हैं। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि
गौ माता केवल एक पशु नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, कृषि, और आर्थिक स्वावलंबन की प्रतीक हैं। गौ-संरक्षण सिर्फ आस्था का विषय नहीं, यह आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता कदम भी है।
प्रदेश के लिए की विशेष प्रार्थना
गौसेवा के पश्चात मुख्यमंत्री श्री साय ने विशेष रूप से प्रदेश की सुख-शांति और जनकल्याण के लिए प्रार्थना की। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ को ‘गौ-संरक्षण मॉडल राज्य’ के रूप में स्थापित किया जाएगा, जहां हर नागरिक का जुड़ाव गोसेवा और ग्राम्य जीवन की मूल भावना से होगा।
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