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छत्तीसगढ़ शासन, आईआईएम-एनआईटी और ओसवाल फाउंडेशन के बीच 172 करोड़ रुपये का त्रिपक्षीय एमओयू

शिक्षा, नवाचार और कौशल विकास को मिलेगी नई गति रायपुर। छत्तीसगढ़ में शिक्षा, कौशल विकास और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए आज राजधानी रायपु...




शिक्षा, नवाचार और कौशल विकास को मिलेगी नई गति

रायपुर। छत्तीसगढ़ में शिक्षा, कौशल विकास और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए आज राजधानी रायपुर के पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में एक ऐतिहासिक त्रिपक्षीय समझौता (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस एमओयू में छत्तीसगढ़ शासन, भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) रायपुर, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) रायपुर और मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन प्रमुख भागीदार हैं।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में हुए इस समझौते के तहत, मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन द्वारा आईआईएम रायपुर और एनआईटी रायपुर को कुल 172 करोड़ रुपये का योगदान दिया जाएगा। इसमें 101 करोड़ रुपये आईआईएम रायपुर को तथा 71 करोड़ रुपये एनआईटी रायपुर को प्रदान किए जाएंगे।
इस समझौते का उद्देश्य छत्तीसगढ़ में शिक्षा, नवाचार और उद्यमिता के एक नए युग की नींव रखना है। इसके अंतर्गत "श्रीमती मिथिलेश अग्रवाल नवाचार एवं उद्यमिता उत्कृष्टता केंद्र" की स्थापना की जाएगी, जो वर्ष 2025-26 में प्रारंभ होकर वर्ष 2027-28 तक पूरी तरह से क्रियाशील किया जाएगा।
*नवाचार आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ता छत्तीसगढ़*
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि यह त्रिपक्षीय एमओयू "छत्तीसगढ़ अंजोर विजन" को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने बताया कि यह समझौता प्रदेश के गांव-गांव तक शिक्षा, कौशल विकास और नवाचार की क्रांति पहुंचाने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने इस केंद्र को केवल संस्थागत परिसरों तक सीमित न रखते हुए ग्रामीण युवाओं को भी इससे जोड़ने पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ अब संसाधन-आधारित नहीं, बल्कि नवाचार-आधारित अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर है। उन्होंने सेमीकंडक्टर, एआई, फार्मा, डिफेंस, एयरोस्पेस और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे उभरते क्षेत्रों में राज्य की तेजी से बढ़ती भागीदारी का उल्लेख करते हुए इसे भविष्य की दिशा बताया।
*उत्कृष्टता केंद्रों और वैश्विक शिक्षा की दिशा में कदम*
मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन द्वारा घोषित दानराशि से आईआईएम रायपुर में "ओसवाल छात्रावास" (202 कमरे) और "दाऊ राम गोपाल अग्रवाल नॉलेज सेंटर" की स्थापना की जाएगी। साथ ही अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी की शीर्ष संस्थाओं के सहयोग से छह अंतरराष्ट्रीय एमबीए कार्यक्रम प्रारंभ किए जाएंगे।
वहीं एनआईटी रायपुर में "श्रीमती मिथिलेश अग्रवाल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस" स्थापित किया जाएगा, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, ब्लॉकचेन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और क्लीन एनर्जी जैसे उन्नत तकनीकी क्षेत्रों पर केंद्रित होगा। यह केंद्र वर्ष 2030 तक 10,000 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करेगा, 250 से अधिक स्टार्टअप्स को इनक्यूबेट करेगा और 5,000 से अधिक नौकरियों का सृजन करेगा।
*किसानों के लिए देश का सबसे बड़ा प्रशिक्षण केंद्र*
मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन के सह-संस्थापक एवं चेयरमैन श्री रामदेव अग्रवाल ने रायपुर में किसानों के लिए देश के सबसे बड़े प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि उनका फाउंडेशन अपनी कुल निधि का 10 प्रतिशत समाज कल्याण हेतु समर्पित कर रहा है, जिसे शिक्षा, कौशल और कृषि के क्षेत्र में उपयोग किया जाएगा।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारीक, उच्च शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के सचिव श्री एस. भारतीदासन, छत्तीसगढ़ राज्य कौशल विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विजय दयाराम के, एनआईटी रायपुर के चेयरमैन डॉ. सुरेश हावरे, आईआईएम रायपुर के चेयरमैन श्री पुनीत डालमिया, एनआईटी के निदेशक श्री एन. वी. प्रसन्ना राव, आईआईएम रायपुर के प्रभारी निदेशक डॉ. संजीव पाराशर सहित अनेक अधिकारी, शिक्षाविद एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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