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सूक्ष्म से सूक्ष्म गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए मंडल के प्रमुख स्टेशनों पर सीसीटीवी लगाए गए हैं

बिलासपुर। रेलवे के विद्युत लोको शेड में होने वाले मरम्मत कार्यों की बेहतर निगरानी हो सकेगी। इसके साथ शेड पूरी तरह सुरक्षित भी रहेगा। इसके ...

बिलासपुर। रेलवे के विद्युत लोको शेड में होने वाले मरम्मत कार्यों की बेहतर निगरानी हो सकेगी। इसके साथ शेड पूरी तरह सुरक्षित भी रहेगा। इसके लिए शेड के चप्पे-चप्पे पर कैमरे लगा दिए गए हैं। रेलवे का मानना है कि इस व्यवस्था से कर्मचारियों की कार्यकुशलता सुदृढ़ होगी।  रेलवे की वर्कशाप काफी महत्वपूर्ण जगह है। यहां इलेक्ट्रिक लोको का रखरखाव के साथ तकनीकी खराबियां सुधारी जाती है। इसके बाद ही इंजन ट्रेनों में जुड़ता है। यहां सामान इधर-उधर बिखरे पड़े रहते हैं और यदि काम में थोड़ी भी चूक होती है तो इसके चलते ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हो सकता है। इसे देखते हुए ही रेलवे ने यहां की सुध ली है। यहां सूक्ष्म से सूक्ष्म गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए मंडल के प्रमुख स्टेशनों पर सीसीटीवी लगाए गए हैं। जिनकी मदद से रेलवे स्टेशनों और रेल परिसरों में बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है। अब मंडल के प्रमुख कार्यालयों व वर्कशाप पर ध्यान दिया जा रहा है। इसके तहत ही बेहतर सुरक्षा की दृष्टिकोण से सीसीटीवी का प्रविधान किया जा रहा है।  जिससे यहां की सम्पूर्ण गतिविधियों की बेहतर निगरानी कर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद किया जा सके। इसी क्रम में विद्युत लोको शेड बिलासपुर में 37 सीसीटीवी कैमरे का प्राविधान किया गया है। कैमरे लोको शेड के सभी कार्यस्थलों, शाप, स्टोर, प्रशासनिक भवन, कैंटीन में लगाए गए हैं। इन कैमरों की सहायता से पूरे लोको शेड में सूक्ष्म से सूक्ष्म गतिविधियों की निगरानी हो रही है। इसके अलावा अनाधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश को भी पकड़ा जा सकता है। लोको शेड में हो रहे मरम्मत कार्य की सारी गतिविधियां कैमरे में कैद होगी। जिससे कर्मचारियों की कार्यकुशलता भी सुदृढ़ होगी। इसके अलावा महंगे उपकरण भी पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगे। इन कैमरों को लगाने के साथ ही निगरानी के लिए एक कंट्रोल रूम भी तैयार किया गया है। जहां एक बड़ी स्क्रीन लगाई गई है। जिनका कनेक्शन सीधे कैमरे हैं। स्क्रीन पर पूरे समय लोको शेड की गतिविधियां नजर आती हैं। इन कैमरों के लगने से कहीं न कहीं आरपीएफ को भी राहत मिलेगी। आरपीएफ में बल सदस्यों की कमी है। ऐसी स्थिति में स्टेशन से लेकर कार्यालयों में आरपीएफ जवानों की तैनातगी मुनासिब नहीं है। यह कैमरे ही सुरक्षा बल का काम करेंगे। यदि कुछ घटना होती है तो आसानी से अपराधियों को पकड़ा जा सकता है। इसके अलावा कर्मचारी भी काम में लापरवाही नहीं बरत सकते। उनमें हर समय कैमरे का डर रहेगा। 

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