Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE
Saturday, July 5

Pages

Classic Header

Top Ad

ब्रेकिंग :
latest

Breaking News

- Advertisement - Ads " alt="" />" alt="" />

कोयला संकट पर छत्‍तीसगढ़ के उद्योगों की हालत खराब

  रायपुर ।   बाजार में कमजोर मांग के चलते पहले से ही खराब चल रहे उद्योगों की हालत और खराब हो गई है। बताया जा रहा है कि छत्‍तीसगढ़ के उद्य...

  रायपुर   बाजार में कमजोर मांग के चलते पहले से ही खराब चल रहे उद्योगों की हालत और खराब हो गई है। बताया जा रहा है कि छत्‍तीसगढ़ के उद्योगों को साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड से पर्याप्त मात्रा में कोयला नहीं मिल पा रहा है और इसके चलते इन उद्योगों को साउथ अफ्रीका, इंडोनेशिया से महंगा कोयला मंगाना पड़ रहा है। उद्योगपतियों का कहना है कि उन्हें उनकी क्षमता का केवल 60 प्रतिशत कोयला ही मिल रहा है। विदेश से कोयला मंगाए जाने के कारण उद्योगों की हालत काफी खराब हो गई है। छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल नचरानी ने बताया कि स्पंज आयरन उद्योगों को हर वर्ष करीब 22 मिलियन टन कोयले की आवश्यकता होती है, लेकिन उद्योगों को 60 प्रतिशत यानी करीब 15 मिलियन टन कोयला ही मिल पा रहा है। बाकी कोयला उद्योगों को साउथ अफ्रीका, इंडोनेशिया से मंगाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में उनके एसोसिएशन ने केंद्रीय कोल मंत्री को पत्र भी लिखा है। इसके साथ ही कोल इंडिया में अधिकारियों से भी मुलाकात हो चुकी है। इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से भी जल्द ही मुलाकात की जाएगी। उद्योगपतियों का कहना है कि उन्हें साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड से मिलने वाला कोयला 6000 रुपये प्रति टन में मिलता है,जबकि आयातित कोयला 9500 रुपये प्रति टन के हिसाब से मिलता है। इस प्रकार उन्हें सीधे-सीधे 3500 रुपये प्रति टन का नुकसान उठाना पड़ता है। करीब दो वर्ष पहले भी ऐसी स्थिति आइ थी तो सरिया की कीमतों में जबरदस्त तेजी आ गई थी और सरिया 80 हजार रुपये प्रति टन पर भी पहुंच गया था।

No comments