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वन मितान जागृति कार्यक्रम: वन संरक्षण के प्रति बढ़ी जागरूकता

अब तक 500 से अधिक कैम्पों के माध्यम से 34 हजार से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित रायपुर।  छत्तीसगढ़ में वन विभाग अंतर्गत कैम्पा प्राधिकरण द्वारा स...


अब तक 500 से अधिक कैम्पों के माध्यम से 34 हजार से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित

रायपुर।  छत्तीसगढ़ में वन विभाग अंतर्गत कैम्पा प्राधिकरण द्वारा स्कूली बच्चों में वन संरक्षण के प्रति जागरूकता के लिए प्रदेशव्यापी प्रशिक्षण सह जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत वन मितान जागृति कार्यक्रम के माध्यम से राज्य में कुल 509 कैम्पों का आयोजन किया जा चुका है। इन कैम्पों के माध्यम से 2 हजार 357 शिक्षक, 15 हजार 824 छात्र और 16 हजार 295 छात्राएं सहित कुल 34 हजार 476 लोगों को विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से वनों के प्रति जागरूक किया जा चुका है। 

गौरतलब है कि वन प्रबंधन में भागीदारी के प्रथम चरण के रूप में वन, वन्यप्राणी एवं पर्यावरण के महत्व के संबंध में प्रशिक्षण सह जागरूकता की अहम भूमिका होती है। इस तारतम्य में वन क्षेत्रों के निकटवर्ती विद्यालयों के विद्यार्थियों को वनों के प्रबंधन में सहभागी बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में कैम्पा प्राधिकरण द्वारा जागरूकता शिविरों का आयोजन निरंतर जारी है। इसके माध्यम से कक्षा 6वीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं को वन संरक्षण के लिए जागरूक किया जा रहा है। जिससे वे पर्यावरण के प्रति उत्तरदायी व्यवहार अपनाएं और उनमें प्राकृति संरक्षण के प्रति संवेदनशीलता स्वतः विकसित हो सके। इसके तहत राज्य के 43 वनमंडलों में कुल 624 कैम्प का आयोजन किया जाना है। 

प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री व्ही. श्रीनिवास राव ने बताया कि कार्यक्रम के तहत जैव-विविधता एवं वानिकी कार्यों के महत्व और प्रकृति भ्रमण कर पेड़-पौधों और पारिस्थितिकीय तंत्र का परिचय, वनों की भूमिका, मृदा, जड़ तंत्र और वृक्ष के घटक एवं वनौषधियों की जानकारी दी जा रही है। वन्यप्राणियों की पहचान एवं उनकी आदतें, भोजन, शारीरिक संरचना संबंधी जानकारी, कीट-पतंगों की पहचान, सरीसृप जीवों की पहचान, जंगली पशुओं के चिन्ह संबंधी जानकारी तथा वन्यप्राणियों का पारिस्थितिकीय तंत्र में महत्व आदि से अवगत कराया जा रहा है। साथ ही विभिन्न जीवों का मानव जीवन में महत्व इत्यादि की जानकारी भी दी जा रही है। जागृति शिविरों के आयोजन से स्कूली बच्चों में वनों के प्रति जागरूकता बढ़ी है।

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