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किसी भी गौठान में गोबर की खरीदी बंद नहीं होनी चाहिए: कलेक्टर

 गोधन न्याय योजना की समीक्षा बैठक में हरहाल में कन्वर्जन बढ़ाने कलेक्टर ने दिए सख्त निर्देश धमतरी। प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय य...

 गोधन न्याय योजना की समीक्षा बैठक में हरहाल में कन्वर्जन बढ़ाने कलेक्टर ने दिए सख्त निर्देश
धमतरी। प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना के तहत जिले के सक्रिय गौठानों में गोबर खरीदी, कम्पोस्ट निर्माण और विक्रय की साप्ताहिक समीक्षा करने कलेक्टर श्री ऋतुराज रघुवंशी ने आज सुबह 10.30 बजे संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक लेकर समीक्षा की। इस दौरान कलेक्टर ने कतिपय गौठानों में गत सप्ताह गोबर खरीदी का आंकड़ा शून्य दिखाए जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए जिले के गौठानों में गोबर की खरीदी हरहाल में प्रारम्भ रखने के निर्देश दिए। साथ ही गौठानों में कन्वर्जन रेट 30 प्रतिशत से कम नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि चूंकि यह राज्य शासन की फ्लैगशिप योजना है इसलिए इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आज सुबह आयोजित बैठक में कलेक्टर ने स्पष्ट तौर पर सभी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसी भी गौठान में 30 प्रतिशत से कम कन्वर्जेंस प्रदर्शित होने पर उनकी तनख्वाह रोक दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगले हफ्ते से इन्हीं बिन्दुओं पर समीक्षा की जाएगी और गौठानों में गोबर की खरीदी नहीं होने की स्थिति सी.ई.ओ. जनपद पंचायत जिम्मेदार होंगे। जिन गौठानों में गोबर खरीदी नहीं अथवा कम हो रही है, वहां सतत् मॉनीटरिंग करते हुए इसे बढ़ाने के लिए उन्होंने निर्देशित किया। साथ ही यह भी कहा कि धमतरी मैदानी जिला है जहां किसान और पशुधन दोनों पर्याप्त संख्या में हैं, ऐसे में गौठानों में गोबर की खरीदी कम होना मैदानी अमले का इसमें रूचि नहीं लेना प्रतीत हो रहा है। इस कार्य में ढिलाई बरतने पर संबंधित पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा कलेक्टर ने ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) वाले गौठानों में गतिविधियां बढ़ाने व समूहों को सक्रिय करने तथा वहां तैयार किए गए उत्पादों का स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों में अनिवार्य रूप से आपूर्ति कराने की बात कही। इसी तरह सी-मार्ट के उत्पादों को भी स्कूलों, छात्रावास व आश्रमों में भेजे जाने और इसका प्रमाण-पत्र दोनों विभागों के अधिकारियों को प्रस्तुत करने के निर्देश कलेक्टर ने दिए। साथ ही कलेक्टर ने आवर्ती चराई वाले गौठानों में गोबर खरीदी, गोमूत्र खरीदी, आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण और मनरेगा के तहत सृजित कार्य और उसमें संलग्न श्रमिकों की समीक्षा करते हुए अधिक से अधिक लोगों को मनरेगा के माध्यम से रोजगार दिलाने के लिए जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती रोक्तिमा यादव को निर्देशित किया। बैठक में बताया गया कि जिले में कुल 355 सक्रिय गौठान हैं, इनमें से 347 ग्रामीण क्षेत्र और शेष 08 शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं। जिले के 13 हजार 113 पंजीकृत पशुपालकों के द्वारा अब तक 05 लाख 08 हजार 236 क्विंटल गोबर खरीदा गया है। इसमें से 92 हजार 748 क्विंटल वर्मी खाद तैयार की गई है जिसमें से 73 हजार 701 क्विंटल (79.46 प्रतिशत) खाद का विक्रय किया जा चुका है। इसी तरह 340 गौठानों में किसानों से 8866.61 टन पैरादान प्राप्त हुआ है। इस अवसर पर डीएफओ श्री मयंक पाण्डेय, अपर कलेक्टर श्री चंद्रकांत कौशिक सहित संबद्ध विभागों तथा जिला स्तर के अधिकारीगण उपस्थित थे।

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