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यहां के हाईकोर्ट जज पर यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाने वाली पूर्व जज बहाल

  नई दिल्ली/भोपाल । सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के तत्कालीन जज के खिलाफ यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाने वाली महिला जज को बहाल कर दिया है...

 


नई दिल्ली/भोपाल । सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के तत्कालीन जज के खिलाफ यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाने वाली महिला जज को बहाल कर दिया है। महिला जज ने कहा था कि 2014 में उसे मजबूरन इस्तीफा देना पड़ा था। इसी आधार पर उसे बहाल किया जाए। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में महिला जज को बहाल करने का विरोध किया था। दरअसल, मामला 2014 का है। पूर्व महिला न्यायिक अधिकारी ने हाईकोर्ट जज पर यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाया था और यह जांच में गलत साबित हुआ था। पिछले महीने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि हाईकोर्ट के जज के खिलाफ यौन उत्पीडऩ के अपने आरोपों की जांच के बाद इस्तीफा दे चुकी पूर्व महिला न्यायिक अधिकारी यह आरोप नहीं लगा सकती कि उनकी शिकायत गलत पाए जाने के चार साल बाद वह इस्तीफा देने को मजबूर हुईं। जस्टिस एल. नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई ने महिला जज के इस्तीफे को स्वीकार करने के आदेश को रद्द कर दिया। साथ ही उसे मध्य प्रदेश ज्युडिशियरी में एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज के तौर पर नियुक्त करने का आदेश दिया। हालांकि, उन्हें इस अवधि के लिए वेतन एवं भत्ते प्राप्त करने का अधिकार नहीं होगा। महिला जज ने कहा था कि 15 दिसंबर 2017 को जजों की जांच समिति की रिपोर्ट में याचिकाकर्ता के 15 जुलाई 2014 को दिए इस्तीफे की वजह की हाईकोर्ट ने अनदेखी की है। महिला जज के पास कोई विकल्प नहीं बचा था, इसलिए उसने एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज पद से इस्तीफा दिया था। पिछले महीने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि महिला ने कामकाज के प्रतिकूल माहौल को इस्तीफे का आधार बताया था कि उन्हें कथित तौर पर इस वजह से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा लेकिन यह मामला उन्होंने यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाने के चार साल बाद उठाया है।

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