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गुजरात हाई कोर्ट डायमंड जुबली - PM मोदी ने जारी किया डाक टिकट

abernewsc अबेर न्यूज। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात के हाई कोर्ट के डायमंड जुबली पर एक स्मारक डाक टि...


abernewsc अबेर न्यूज। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात के हाई कोर्ट के डायमंड जुबली पर एक स्मारक डाक टिकट जारी किया है। पीएम मोदी ने आज गुजरात हाई कोर्ट की स्थापना के 61 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की और इस कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया इस कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज, गुजरात के मुख्यमंत्री  विजय रुपानी भी मौजूद हैं।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा- हमारी न्यायपालिका लोगों के अधिकार की रक्षा कर रही है। हमारी न्यायपालिका ने हमेशा इसे और मजबूत करने के लिए संविधान की सकारात्मक और रचनात्मक व्याख्या की है। क्या यह देश के लोगों के अधिकारों की रक्षा कर रहा है या जब कोई भी स्थिति पैदा हुई, जहां राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता देने की जरूरत है, न्यायपालिका ने हमेशा अपना कर्तव्य निभाया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से गुजरात हाईकोर्ट की डायमंड जुबली समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा जस्टिस सिस्टम ऐसा होना चाहिए, जो समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के लिए भी सुलभ हो, जहां हर व्यक्ति के लिए समय से न्याय की गारंटी हो। सरकार भी इस दिशा में अपने कर्तव्यों को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। न्यायपालिका के प्रति भरोसे ने सामान्य नागरिक के मन में एक आत्मविश्वास जगाया है। सच्चाई के लिए खड़े होने की उसे ताकत दी है। आजादी से अब तक देश की यात्रा में हम न्यायपालिका के योगदान की चर्चा करते हैं, तो बार के योगदान के भी चर्चा करते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय समाज में रूल आॅफ लॉ, सदियों से सभ्यता और सामाजिक ताने-बाने का आधार रहा है। हमारे प्राचीन ग्रंथों में कहा गया है कि सुराज्य की जड़ ही न्याय में है। हमारे संविधान में कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका को दी गई जिम्मेदारी, हमारे संविधान के लिए प्राणवायु की तरह है। हमारी न्यायपालिका ने संविधान की प्राणवायु की सुरक्षा का दायित्व पूरी दृढ़ता से निभाया है। उन्होंने कहा कि गुजरात हाईकोर्ट ने सत्य और न्याय के लिए जिस कर्तव्य और निष्ठा से काम किया है, अपने संवैधानिक कर्तव्यों के लिए जो तत्परता दिखाई है उसने भारतीय न्याय व्यवस्था और भारत के लोकतंत्र दोनों को ही मजबूत किया है।


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