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अपने घर की सीढ़िया बनवाते वक्त इन बातों का रखें ध्यान, होता है भारी नुकसान!

varanasi वाराणसी। घर में सुख शांति को लेकर वास्तु शास्त्र में तमाम तरह के उपाय बताए गए. इसी के चलते वास्तु शास्त्र के मुताबिक भवन में सीढ़िय...


varanasi वाराणसी।
घर में सुख शांति को लेकर वास्तु शास्त्र में तमाम तरह के उपाय बताए गए. इसी के चलते वास्तु शास्त्र के मुताबिक भवन में सीढ़ियों का बहुत महत्व है. सीढ़ियों का महत्व अनेक ग्रंथों में भी बताया गया है. वास्तु के अनुसार घर की सीढ़ियां घर के ईशान कोण और ब्रह्म स्थान को छोड़कर किसी भी दिशा में बनाई जा सकती है. सीढ़ियों के लिए सबसे उपयुक्त स्थान नैऋत्व कोण यानि दक्षिण-पश्चिम है. इसके अलावा आप चाहें तो दक्षिण, पश्चिम, आग्नेय, वायव्य पूरब और उत्तर दिशा है.

यदि आपको नैऋत्य दिशा में सीढ़ियों का स्थान नहीं मिल रहा है तो दक्षिण में भी बना सकते हैं. अगर यहां भी सीढ़ियों की जगह नहीं निकल रही है तो आप पश्चिम में बना सकते हैं. तीसरा आॅप्शन आपके बपस आग्नेय कोण का है. चौथा आॅप्शन आपके पास वायव्य है और लास्ट आॅप्शन है आपके बार उत्तर का. उत्तर में आप सीढ़ियां बनवा सकते हैं.
दरअसल कहा जाता है कि सीढ़ियां भारी और ऊंची होती है इसलिए उसी स्थान को चुने जो इसके लिए तय हो. क्योंकि वास्तु के मुताबिक यदि दक्षिण-पश्चिम कोने में सीढ़ियां होंगी घर में खुशियां आएंगी. कोई विकल्प ना मिलने पर आप दक्षिण और पश्चिम में भी बनवा सकते हैं. जो वास्तु के मुताबिक ठीक माना जाता है, लेकिन उत्तर और पूर्व में बिल्कुल भी सीढ़ियां नहीं बनवानी चाहिए. भूलकर भी ईशान और ब्रह्म स्थान पर सीढ़ियां ना बनवाए. इससे घर में हमेशा कलह बनी रहती है और इसे अशुभ माना जाता है.

यहां पर सीढ़ियां बनवाने से घर का विकास रुक जाता है. साथ ही संतान अपेक्षित उन्नति नहीं कर पाएगे. ब्रह्मस्थान वास्तु पुरुष की नाभि होती है यदि किसी व्यक्ति की नाभि पर वजन रख दिया जाए तो उसके पेट का सिस्टम बिगड़ जाता है. इसी के चलते वास्तु में भी यदि ब्रह्म स्थान पर कोई भारी निर्माण या सीढ़ियां हों तो उस घर का वास्तु ठीक हो ही नहीं सकता.

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