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इंदौर, आगर-मालवा और मंदसौर के बाद सतना में कौओं की मौत

  सतना। कोरोना संक्रमण के बाद अब प्रदेश में बर्ड फ्लू से लोगों में दहशत है। इंदौर, आगर-मालवा और मंदसौर में कुछ कौवों की मौत के बाद अब सतना ज...

 


सतना। कोरोना संक्रमण के बाद अब प्रदेश में बर्ड फ्लू से लोगों में दहशत है। इंदौर, आगर-मालवा और मंदसौर में कुछ कौवों की मौत के बाद अब सतना जिले के बकिया गांव में मृत कौवे मिलने से इलाके में दहशत फैल गई है। यहां के रहवासियों के अनुसार गांव में कई कौएं मृत अवस्था में पड़े हुए देखे गए, जिसकी सूचना पशुपालन विभाग को दी गई, जिसके बाद अधिकारियों द्वारा इसकी जांच की जा रही है कि इनकी मौत कैसे हुई। रतलाम में चिकन दुकानें और पोल्ट्री फार्म 15 दिनों के लिए बंद करा दिए गए हैं। ज्ञात हो कि प्रदेश में पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टी भी हो चुकी है। कौओं के मरने की खबर वहीं सतना जिले के रामनगर के अमिलिया गांव से भी कौओं के मरने की खबर है। यह कौवे पीएस सिंह के घर पर मृत मिले हैं। इसकी सूचना पशु चिकित्सा विभाग को दी गई है जिसके बाद जांच की
जा रही।
प्रवासी पक्षियों के नमूने एकत्र कर भोपाल लैब को भेजने का निर्देश
साथ ही पोल्ट्री एवं पोल्ट्री उत्पाद बाजार, फार्म, जलाशयों एवं प्रवासी पक्षियों पर विशेष निगरानी रखते हुए प्रवासी पक्षियों के नमूने एकत्र कर भोपाल लैब को भेजने का निर्देश दिया गया है। रोग नियंत्रण कार्य में लगे अमले को स्वास्थ्य विभाग द्वारा पीपीई किट, एंटी वायरल ड्रग, मृत पक्षियों, संक्रमित सामग्री एवं आहार का डिस्पोजल और डिसइन्फेक्शन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं। पशुपालन मंत्री पटेल ने कहा कि कौओं में पाया जाने वाला वायरस एच5एन8 अभी तक मुर्गियों में नहीं मिला है। मुर्गियों में पाया जाने वाला वायरस सामान्यत: एच5एन1 होता है। पटेल ने लोगों से अपील की कि पक्षियों की मृत्यु की सूचना तत्काल स्थानीय पशु चिकित्सा संस्था या पशु चिकित्सा अधिकारी को दें।
ऐसे लक्षणों से होती है फ्लू की पहचान
आमतौर पर पक्षियों में पाए जाने वाला ये वायरस मनुष्य के शरीर में घुसने के बाद संक्रमण फैलाने के लिए 2 से 8 दिन का समय लेते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार कई बार ये 17 दिन तक का समय भी ले लेते हैं। जबकि सीजनल आम फ्लू में किसी व्यक्ति के संक्रमित होने के 2 या 3 दिन बाद लक्षण दिखाई देने लगते हैं। बर्ड फ्लू से संक्रमित होने पर निम्न संकेत और लक्षण विकसित हो सकते हैं। इससे खांसी (आमतौर पर सूखी खांसी), गले में खराश या कर्कश आवाज, तेज बुखार, 38 सेंटीग्रेड (100.4 फारेनहाइट) से ऊपर, बंद नाक या नाक बहना, हड्डीयों में दर्द, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, नाक से खून बहना, छाती में दर्द, ठंड लगना और कोल्ट स्वेट (बुखार या किसी बीमारी के कारण पसीने आना) थकान, सिरदर्द, भूख कम लगना, सोने में दिक्कत, पेट संबंधी परेशानियां, कभी-कभी दस्त की समस्या भी हो सकती है। मसूड़ों से खून आना, थूक के साथ खून आना भी बर्ड फ्लू के लक्षण हैं।
मधुमक्खियां भी मृत मिली
सतना रेलवे स्टेशन के बाहर स्थित होटल महामाया कि नीचे हजारों की संख्या में मधुमक्खियां मृत अवस्था में मिली। जैसे ही मृत मधुमक्खी लोगों ने देखी तो स्थानीय दुकानदारों में दहशत का माहौल बन गया है। इन मधुमक्खियों ने होटल की खिड़की में छत्ता बनाया था।

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