Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE
Friday, August 22

Pages

Classic Header

Top Ad

ब्रेकिंग :

Breaking News

- Advertisement - Ads " alt="" />" alt="" />

छत्तीसगढ़ भाजपा प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने पत्रकारों को दी गलत जानकारी : आर.पी. सिंह

रायपुर। कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने आज एक बयान जारी करते हुए यह आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी की छत्तीसगढ़ प्रभारी डी पुरंदेश्वरी देवी ...


रायपुर। कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने आज एक बयान जारी करते हुए यह आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी की छत्तीसगढ़ प्रभारी डी पुरंदेश्वरी देवी ने  पत्रकारों को  गलत जानकारी दी है  उन्हें तत्काल  इसके लिए  पत्रकार बंधुओं एवं प्रदेश के किसानों से  क्षमा याचना  करनी चाहिए।  वास्तविकता यह है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान के किसानों को भुगतान के लिए मार्कफेड द्वारा प्रतिवर्ष बैंक एवं अन्य वित्तीय संस्थाओं से ऋण लिया जाता है। इस वर्ष भी  मार्कफेड नें  9500 करोड़ रुपए  का ऋण लिया है ना कि केंद्र सरकार से राज्य को कोई 9000 करोड़ की कोई कथित राशि मिली है। कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने बताया कि मिलिंग उपरांत चावल जमा होने पर चावल की भुगतान राशि मार्कफेड को प्राप्त होती है, जिससे इस ऋण का पुनर्भुगतान किया जाता है। इस वर्ष भी अब तक मार्कफेड द्वारा कुल 9500 करोड़ का ऋण लिया गया है जिसमें से 7000 करोड़ का ऋण एनसीडीसी द्वारा दियाय गया है। यह राशि केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराया गया अनुदान नहीं है बल्कि ऋण है जिसका इसी विपणन वर्ष में पुनर्भुगतान किया जाना है। इस विपणन वर्ष के अंत तक अनुमानित 16000 करोड़ तक का ऋण लेने की योजना है जिसे अन्य वित्तीय संस्थाएं जैसे यूनियन बैंक, इंडियन बैंक, नाबार्ड, पीएनबी इत्यादि से लेने की भी योजना है।

धान उपार्जन हेतु 21.48 लाख कृषकों का पंजीयन किया
खरीफ विपणन वर्ष 2020- 21 के लिए धान उपार्जन हेतु 21.48 लाख कृषकों का पंजीयन किया गया है। जिनसे 90 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी अनुमानित है। 1 जनवरी तक 13.50 लाख किसानों से लगभग 53 लाख मैट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है। वर्तमान में राज्य के पीडीएस की आवश्यकता हेतु ही नागरिक आपूर्ति निगम में चावल जमा करने की अनुमति है। यह लगभग 30 लाख मीट्रिक टन धान की मिलिंग हेतु ही सीमित है। शेष अनुमानित 60 लाख मैट्रिक टन धान जिससे लगभग 40 लाख मीट्रिक टन चावल की बिलिंग हो सकती है उसे एफसीआई में जमा करना आवश्यक है। जिसकी अनुमति भारत सरकार से अप्राप्त है। वर्तमान में राज्य के पीडीएस की आवश्यकता हेतु नागरिक आपूर्ति निगम में चावल जमा करने के लिए आवश्यक 30 लाख मीट्रिक टन धान से अधिक का उपार्जन हो चुका है एवं उपार्जन लगातार राज्य शासन की अनुमति से चल रहा है।  भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से आग्रह है केंद्र की मोदी सरकार से बात करके शीघ्र एफसीआई को चावल उठाने के निर्देश दें। सिर्फ जुबानी जमा खर्च से प्रदेश के किसानों का हित होने वाला नहीं है।

No comments

166 महतारी सदन की मिली स्वीकृति, 25 सौ वर्गफुट में बनेगा महत...

राजभवन परिसर में अधिकारियों-कर्मचारियों ने की साफ-सफाई

राज्यपाल से मिले हाई स्कूल के विद्यार्थी

राज्यपाल रमेन डेका बने छत्तीसगढ़ के सभी 33 जिलों में टीबी मर...

मुख्यमंत्री साय ने जापान पहुंचने के बाद सबसे पहले टोक्यो स्थ...

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ का ...

राज्य स्तरीय भू-वैज्ञानिक कार्यक्रम मंडल छत्तीसगढ़ 2025 की र...

छत्तीसगढ़ के धान ने आकर्षित किया उज्बेकिस्तान के वैज्ञानिकों ...

पूर्ण ग्राम सुराज और स्वावलम्बन की दिशा में नया संकल्प: उपम...

अलग राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ की बदली है दशा और दिशा - अ...